निर्देश : नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िये और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
आज अभी तक मनोमय नींद से जागा नहीं हैं। कल की पार्टी से वापस आते समय रास्ते में गाड़ी खराब हो गयी थी। आजकल ड्राइवर के ओवरटाइम को लेकर काफी हंगामा हैं। कम्पनी का खर्च कम करने के लिए मनोमय खुद ही गाड़ी चला रहा था। पूरा एक घण्टा वह सुनसान रास्ते के किनारे धूल फांकता रहा। मनोमय गाड़ी की खराबी देख रहा था और मैं टॉर्च लेकर उस पर रोशनी डाल रही थी।बीच-बीच में मुझे कुछ डर लग रहा था। रात के समय इस शहर का भरोसा नहीं हैं। आभूषण पहनकर स्त्रियां इस विश्वश्रुत आदर्शवादी नगरी के राजपथ पर अब अपने को निरापद महसूस नहीं करती।मनोमय स्वयं भी गाड़ी का मानभंजन करते हुए बीच-बीच में इधर-उधर ताक लेता था। ‘‘वक्त बड़ा खराब हैं’’, वह बोल उठा था।मेरे शरीर पर कोई स्वर्णाभूषण नहीं था, यही एक भरोसा था। ‘‘सब नकली ज्वैलरी हैं’’, मैंने मनोनय को यह सुसमाचार दिया तो आधी रात के इस भीषण समय में भी उसकी रसिकता ने कोई लगाम नहीं माना। ‘‘मालविका, सोने के गहने और हीरे-जवाहरात ही अलंकार नहीं होते-महाकवि कालिदास ने कहा है कि सुन्दरी रमणियां एक अमूल्य अलंकार होती हैं।’’इस बात ने मुझे बुरी तरह डरा दिया-लेकिन मुझे याद हैं, मनोमय एक बार मुझे एक भयानक रात में पैदल चलाकर घर लाया था। सड़क पर इस समय कोई टैक्सी नहीं थी। भरोसा था तो ईंट के टुकड़ों का, जो मनोमय ने सड़क पर से उठा लिए थे। उन टुकड़ों से क्रिकेट बॉल की तरह खेलते-खेलते उसने मुझे निर्भय कर दिया था।